जैसा हम जानते हैं कि एकाउंटिंग रिपोर्ट का अपना लेआउट होता है। उदहारण के लिए बैलेंस शीट के लेफ्ट साइड में Capital and Liabilities होता है तथा राईट साइड में Assets and Properties होता है, Trading के लेफ्ट साइड में Purchase, Purchase Return एवं Direct Expenses होता है तो राईट साइड में Sales होते हैं। Tally में हम सिर्फ वाउचर एंट्री करते हैं और हमारा सारा रिपोर्ट खुद-व-खुद तैयार हो जाता है। इस रिपोर्ट में Ledger खुद-व-खुद अपने जगह पर Groups के कारण adjust होता है।
इसलिए Tally ERP 9 में Groups के बारे में जानना आवश्यक हो जाता है।
टैली में ग्रुप क्या होता है?
Groups एक तरह का Collection होता है क्योंकि Tally ERP में Ledger को बनाते समय हमको उसे एक Group में रखना होता है। Tally ERP में प्रतेक Group का अपना एक Particular Nature Define किया गया है। इस Groups को दो भागों में विभाजित किया गया है। Tally ERP 9 में कुल 28 Groups होते है और जिनमे 15 Primary Group होते है और 13 Secondary Group होते है।
Primary Group:
Secondary Group:
अब हम विस्तारपुर्वक इन Groups के बारे में जानेंगे।
1. Capital A/c:
इस Primary Group के अंतर्गत ब्यापार honor ship या partnership में प्रारंभ करने कि स्थिति में Capital A/c का ledger बनाते हैं। इसके अंतर्गत एक Secondary Group का प्रयोग किया जाता है।
a. Reserve & Surplus:
इस Secondary Group के अंतर्गत Reserve Fund का ledger बनाते हैं। जैसे - Reserve for bad debts, Employee welfare fund इत्यादि।
2. Fixed Assets:
इस Primary Group के अंतर्गत उन सभी संपत्तियों का ledger बनाते जो लम्बी अवधि के लिए इस्तेमाल में लाया जाता हो तथा जिसमे ह्रास या बढ़ोतरी कि संभावना बनी रहती हो। जैसे- Machinery A/c, Land & Building इत्यादि।
3. Current Assets:
इस Primary Group के अंतर्गत उन सभी संपत्तियों का ledger बनाते हैं जो हमेशा गतिशील हो। इसके अंतर्गत छः Secondary Group का प्रयोग करते हैं ।
a. Cash A/c:
इस Secondary Group के अंतर्गत Cash, Petty Cash एवं Cash-in-transit का ledger बनाते हैं। Tally ERP में Cash का ledger बनाने कि आवश्यकता नहीं परती है क्योंकि यह पहले से ही बना रहता है।
b. Bank Account:
इस Secondary Group के अंतर्गत उन सभी बैंकों का ledger रखते है जहाँ Current Account या Saving Bank Account का Ledger होता है।
c. Sundry Debtors:
इस Secondary Group के अंतर्गत उन सभी ब्यक्तियों या संस्थानों का ledger बनाते हैं जिनको हम उधार पर माल Sale करते है और जिनसे हमे पैसे लेने होते हैं।
d. Loans & Advances:
इस Secondary Group के अंतर्गत सभी प्रकार के Prepaid entry, Advance Payment एवं जब हमें किसी को Loan देना हो या फिर करना हो, का ledger बनाते हैं । जैसे- Prepaid Salary, Loan To xyz इत्यादि।
e. Deposit(Assets):
इस Secondary Group के अंतर्गत उन सभी प्रकार के Deposit का ledger बनाते हैं जिसमे हमे Time-Period और Profit Decide हो और हमको पहले से पता हो कि कितना पैसा Deposit कर रहा हूँ और मुझे इतने time के बाद बिना किसी Profit के पैसा मिल जाएगा । जैसे- Security Deposit, FD, RD, KVP, NSC, PPF इत्यादि।
f. Stock-in-hand:
इस Secondary Group के अंतर्गत Opening स्टॉक का ledger item wise details के साथ ledger बनाते हैं ।
4. Current liabilities:
इस Primary Group के अंतर्गत मौजूदा उत्तरदायी (liabilities) जो limit समय के लिए हो, का ledger बनाते हैं । इसके अंतर्गत तीन Secondary Group का प्रयोग करते हैं ।
a. Duties&Taxes:
इस Secondary Group के अंतर्गत Income Tax को छोड़कर जितने भी तरह के Tax हम Use करते है उन सभी Tax का Ledger बनाते हैं । जैसे- Sales Tax, CST, VAT, TDS, Service Tax, GST, SB Cess, KK Cess, Surcharges इत्यादि।
b. Sundry Creditors:
इस Secondary Group के अंतर्गत उन सभी ब्यक्तियों या संस्थानों का ledger बनाते हैं जिनसे Credit पर माल को खरिदते है और जिनको हमें पैसे देने होते है।
c. Provision:
इस Secondary Group के अंतर्गत Business में Future Coss से बेचने के लिए हमे कुछ funds बनाने पड़ते है उन सभी Ledger को बनाते हैं । जैसे- Provision For Bad debts, Provision For Income Tax, Provision For Sundry Creditors, Provision For Sundry Debtors इत्यादि।
5. Purchase Account:
इस Primary Group के अंतर्गत सभी प्रकार के माल (Goods) क्रय(Purchase) नकद या उधार किये गए हों अथवा Purchase Return किया गया हो, उन सभी Ledger को बनाते हैं।
6. Sale Account:
इस Primary Group के अंतर्गत सभी प्रकार के माल (Goods) विक्रय(Sales) नकद या उधार किये गए हों अथवा Sale Return किया गया हो, उन सभी Ledger को बनाते हैं ।
7. Loans( Liabilities):
इस Primary Group के अंतर्गत तीन Secondary Group का प्रयोग करते हैं ।
a. Bank O/D (Bank Overdraft) & Bank OCC(Bank Overdraft cash credit):
इस Secondary Group के अंतर्गत जब हम किसी बैंक से लोन लिया है या Overdraft किया है तो, इस प्रकार का ledger इस ग्रुप के अंतर्गत बनाते हैं ।
b. Secured Loans:
इस Secondary Group के अंतर्गत उन सभी प्रकार के लिए गए Loan जो Bank के सिवा किसी और से शर्त के साथ लिया गया हो उन सभी Ledger को बनाते हैं । जैसे- Bajaj Finance से लिया गया Loan, Gold Loan इत्यादि।
c. Unsecured Loans:
इस Secondary Group के अंतर्गत उन सभी प्रकार के लिए गए Loan जो बिना शर्त के साथ Friends या फिर Relatives से लिया गया हो, का ledger बनाते हैं ।
8. Direct Expenses:
इस Primary Group के अंतर्गत उन सभी प्रकार के खर्चें (Expenses) जो Purchase के दौरान,Factory से Related होते है और हमारे Production को Effect करते हो उन सभी Ledger को बनाते हैं । जैसे- Wages, Power bill, Factory Rent, Factory Insurance, Carriage Inward इत्यादि।
9. Indirect Expenses:
इस Primary Group के अंतर्गत उन सभी प्रकार के खर्चें (Expenses) जो Office से Related होते है उन सभी Ledger को बनाते हैं साथ ही सभी प्रकार कि हानियों का भी ledger खोलते हैं। जैसे- Discount Paid, Rent Paid, Commission Paid, Interest paid, Bad Debts, Salary Paid इत्यादि।
10. Indirect Incomes:
इस Primary Group के अंतर्गत सभी प्रकार के अप्रत्यक्ष आमदनियों (Incomes) का Ledger बनाते हैं । जैसे- Discount Receipt, Rent Receipt, Commission Receipt, Interest Receipt इत्यादि।
11. Direct Incomes:
इस Primary Group के अंतर्गत non-trade Incomes का Ledger बनाते हैं ।
12. Investment:
इस Primary Group के अंतर्गत ऐसा निवेश जिसमे समय सीमा और लाभ पूर्व निर्धारित नही होता और आप ऐसा निवेश जिसमें पता नही होता है कि लाभ होगा या नही होगा, या फिर होगा तो कितने समय के बाद होगा तथा यह भी निश्चित नहीं है कि profit होगा या loss, उन सभी Ledger को बनाते हैं । जैसे- Share, Mutual Funds, Lottery इत्यादि।
13. Branch /Division:
इस Primary Group के अंतर्गत कंपनी अपने उपक्रम का Ledger बनाते हैं या अलग-अलग State अथवा District में हो तो वो Branch/Division की मदद से Bank Account Open कर Ledger बना सकते है ।
14. Suspense Accounts:
इस Primary Group के अंतर्गत अस्थायी रूप से या स्थायी रूप से संदिग्ध प्रविष्टियों और विसंगतियों को उनके विश्लेषण और स्थायी वर्गीकरण को लंबित करने के लिए उपयोग किया जाता है। उन सभी Ledger को बनाते हैं ।
15. Miscellaneous Expenses (Asset):
इस Primary Group के अंतर्गत निगमन और पूर्व-संचालन व्यय का Ledger बनाते हैं । कंपनियां हर साल खाते के एक अनुमेय हिस्से को बंद कर देती हैं। शेष राशि उस सीमा तक बनी रहती है जिसे लाभ और हानि खाते में नहीं लिखा जा सकता है।
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